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General Poetry

जब भी हँसी की गर्द में चेहरा छुपा लिया

जब भी हँसी की

जब भी हँसी की गर्द में चेहरा छुपा लिया   जब भी हँसी की गर्द में चेहरा छुपा …

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कौन है नेक ? कौन बद है यहाँ ?

कौन है नेक

कौन है नेक ? कौन बद है यहाँ ? किसी के हाथों में ये सनद है कहाँ ? …

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बुरी है कीजिए नफ़रत निहायत

बुरी है कीजिए नफ़रत

बुरी है कीजिए नफ़रत निहायत बुरी है कीजिए नफ़रत निहायत मिटाए दिल से सदियों की अदावत चलो हम …

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हमेशा साथ रहने की आदत कुछ नहीं होती

हमेशा साथ रहने की

हमेशा साथ रहने की आदत कुछ नहीं होती जो लम्हा मिल गए जी लो, रियाज़त कुछ नहीं होतीं, …

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तेरी जुल्फें बिखरने को घटा कह दूँ तो कैसा हो ?

तेरी जुल्फें बिखरने को

तेरी जुल्फें बिखरने को घटा कह दूँ तो कैसा हो ?   तेरी जुल्फें बिखरने को घटा कह …

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एक पल में एक सदी का मज़ा हम से पूछिए

एक पल में एक

एक पल में एक सदी का मज़ा हम से पूछिए एक पल में एक सदी का मज़ा हम …

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चौंक चौंक उठती है महलों की फ़ज़ा रात गए

चौंक चौंक उठती है

चौंक चौंक उठती है महलों की फ़ज़ा रात गए चौंक चौंक उठती है महलों की फ़ज़ा रात गए …

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ज़माना आज नहीं डगमगा के चलने का

ज़माना आज नहीं डगमगा

ज़माना आज नहीं डगमगा के चलने का ज़माना आज नहीं डगमगा के चलने का सम्भल भी जा कि …

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ज़िंदगी ये तो नहीं तुझ को सँवारा ही न हो

ज़िंदगी ये तो नहीं

ज़िंदगी ये तो नहीं तुझ को सँवारा ही न हो ज़िंदगी ये तो नहीं तुझ को सँवारा ही …

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तुझ से बिछड़ के हम भी मुक़द्दर के हो गए

तुझ से बिछड़ के

तुझ से बिछड़ के हम भी मुक़द्दर के हो गए फिर जो भी दर मिला है उसी दर …

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कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस

चल निकलती हैं ग़म

चल निकलती हैं ग़म ए यार से बातें क्या क्या

ऐसा है कि सब ख़्वाब

ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते

अब तक यही सुना

अब तक यही सुना था कि बाज़ार बिक गए

जैसा नज़र का शौक़

जैसा नज़र का शौक़ था वैसा न कर सका

ये ज़माने की वफ़ाएं

ये ज़माने की वफ़ाएं मेरे काम की नहीं

असर उस को ज़रा

असर उस को ज़रा नहीं होता

वो जो हम में

वो जो हम में तुम में क़रार था…

रह वफ़ा में

रह वफ़ा में कोई साहिब ए जुनूँ न मिला

हाल में अपने मगन

हाल में अपने मगन हो फ़िक्र ए आइंदा न हो

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कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस