Dua Poetry
मेरे ख़ुदा मुझे वो ताब ए नय नवाई दे
मेरे ख़ुदा मुझे वो ताब ए नय नवाई दे मैं चुप रहूँ भी तो नग़्मा …
किस सिम्त चल पड़ी है खुदाई ऐ मेरे ख़ुदा
किस सिम्त चल पड़ी है खुदाई ऐ मेरे ख़ुदा नफ़रत ही दे रही है दिखाई …
तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहाँ बनाया
तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहाँ बनाया कैसी हसीं ज़मीं बनाई क्या आसमां बनाया, मिट्टी …
यहाँ मरने की दुआएँ क्यूँ मांगूँ ?
यहाँ मरने की दुआएँ क्यूँ मांगूँ ? यहाँ जीने की तमन्ना कौन करे ? ये …
ये कब चाहा कि मैं मशहूर हो जाऊँ…
ये कब चाहा कि मैं मशहूर हो जाऊँ बस अपने आप को मंज़ूर हो जाऊँ, …
जो नेकी कर के फिर दरिया में…
जो नेकी कर के फिर दरिया में उसको डाल जाता है वो जब भी दुनिया …
लेता हूँ उस का नाम भी आह ओ बुका…
लेता हूँ उस का नाम भी आह ओ बुका के साथ कितना हसीन रिश्ता है …