बेवजह कहीं आना जाना क्या

बेवजह कहीं आना जाना क्या
बिन बात के मुस्कुराना क्या

हर शख्स दानिशमंद मिलेगा
यहाँ किसी को समझाना क्या

दर्द तुम्हारा कम न कर सके
ज़ख्म उसको दिखलाना क्या

दौलत और जवानी ठहरे कब
आरज़ी चीजो पे इतराना क्या

ज़िन्दगी फ़रेबी मौत है सच्ची
फिर मरने से घबराना क्या..??

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