अपने साये से भी अक्सर डर जाते है लोग

अपने साये से भी अक्सर डर जाते है लोग
जाने अनजाने में गुनाह कर जाते है लोग,

लिखी होती है उम्र ए बेहिसाब भी कभी
मौत के खौफ़ से कई बार मर जाते है लोग,

होता नहीं आसान हर एक वादा निभाना
दे कर जुबां भी अक्सर मुकर जाते है लोग,

उम्रे गुज़र जाती है कभी आदतों के सुधरने में
कभी एक ठोकर से भी सुधर जाते है लोग..!!

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