अब मुहब्बत का इरादा बदल जाना भी…

अब मुहब्बत का इरादा बदल जाना भी मुश्किल है
उन्हें खोना भी मुश्किल,उन्हें पाना भी मुश्किल है,

ज़रा सी बात पर आँखे भिगो कर बैठ जाते है वो
उन्हें तो अपने दिल का हाल बताना भी मुश्किल है,

यहाँ लोगो ने दिल ओ चेहरे पे इतने परदे डाल रखे है
किसी के दिल में क्या है नज़र आना भी मुश्किल है,

सोचता हूँ कभी ख़्वाबो में तो उनसे मुलाक़ात होगी
पर यहाँ तो उनके बिना नींद आना भी मुश्किल है,

गैरो से गिला क्या करे अब ख़ुद का ही आलम ये है
हाल ए ज़िन्दगी ख़ुद का ख़ुद को समझाना भी मुश्किल है,

ऐसे दौर ए मुश्किल में जो हमदर्द बन कर साथ दे मेरा
अब यहाँ उस हमसफ़र को ढूँढ पाना भी मुश्किल है..!!

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