ये मुहब्बतों के किस्से भी अज़ीब होते है

ये मुहब्बतों के किस्से भी अज़ीब होते है
बेवफ़ा ही इसमें अक्सर अज़ीज़ होते है,

चाहों में कोई और, बाँहों में कोई और
ऐसे आशिक़ ओ माशूक़ बदनसीब होते है,

कर तो लेते है तस्लीम ख़ुदा इश्क़ में लोग
दरअसल दुश्मन ए जाँ वही रकीब होते है,

चंद दिनों तक रहते है ये खुशियों के साये
बाद ताउम्र गम आशिको के क़रीब होते है,

कोशिशे लाख करो रोकने की अश्को को
पर यादो के लम्हे अश्को के मुज़ीब होते है,

मुफलिसों से कौन करता है सच्ची दोस्ती
जितनी पास हो दौलत उतने हबीब होते है,

न पैदा होते है और ना कहीं बनाए जाते है
ज़ख्म दिल पर खा कर लोग अदीब होते है..!!

Leave a Reply

Eid Special Dresses for women