किसी चिड़ियाँ के बच्चे की

मुझे गुमनाम रहने का
कुछ ऐसा शौक है हमदम
किसी बेनाम सहरा में
भटकती रूह हो जैसे,

जहाँ साये तरसते हो
किसी पैकर की आहट को
जहाँ ज़िन्दा ना हो कोई
जहाँ पे मौत रहती हो,

या कुछ ऐसे कि दरियाँ के
कही उस पर कीकर पर
किसी चिड़ियाँ के बच्चे की
तड़पती प्यास हो जैसे..!!

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