वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है
किसी और को वो देना नहीं,

वो जो रिश्ता तुझ से है बन गया
किसी और से वो बना नहीं,

वो जो प्यार तुझ से हो गया
किसी और से वो हुआ नहीं,

वो जो राज़ तुझ से है कह दिया
किसी और से वो कहा नहीं,

वो जो सीख मिला तेरी ज़ात से
किसी और से वो मिला नहीं,

तू बसा है आँखों में जिस तरह
कोई और ऐसे बसा नहीं,

तू हुआ है जितना क़रीब तर
कोई और इतना हुआ नहीं..!!

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