नेक बच्चे दिल से करते हैं अदब उस्ताद का

नेक बच्चे दिल से करते हैं अदब उस्ताद का
बाप की उल्फ़त से बेहतर है ग़ज़ब उस्ताद का,

आम लोगों की जहालत दूर करने के लिए
हक़ तआ’ला ने बनाया है सबब उस्ताद का,

उस की बरकत से जहाँ में फैलती हैं नेकियाँ
क्यों न फिर उस्ताद से राज़ी हो रब उस्ताद का,

कुछ न कुछ उम्दा सबक़ देती है उसकी ज़िंदगी
ख़ुल्क़ से ख़ाली नहीं है कोई ढब उस्ताद का,

जिस घड़ी नादान बच्चों को सिखाता है वो इल्म
चूम लेते हैं फ़रिश्ते आ के लब उस्ताद का,

बस उसे पढ़ने पढ़ाने से हमेशा काम है
कितना अच्छा मश्ग़ला है रोज़ ओ शब उस्ताद का,

ख़्वाह सारी उम्र उस के पाँव धो धो कर पिए
आदमी से हक़ अदा होता है कब उस्ताद का,

इम्तिहाँ में हल न हो जिस दम कोई मुश्किल सवाल
ख़ुद पसंदों को पता चलता है तब उस्ताद का,

शुक्र के जज़्बात से गर्दन झुका लेता हूँ मैं
याद आता है मुझे एहसान जब उस्ताद का,

कल ज़माने की निगाहों में वो इज़्ज़त पाएगा
मर्तबा पहचान जाएगा जो अब उस्ताद का,

उसकी आलमगीर हैसिय्यत है शाहों की तरह
कुल अजम उस्ताद का है कुल अरब उस्ताद का,

चल रहे हैं आज दुनिया में हज़ारों महकमे
सच अगर पूछो तो है ये फ़ैज़ सब उस्ताद का..!!

~फ़ैज़ लुधियानवी

Leave a Reply

Eid Special Dresses for women