ज़िन्दगी की कशमकश से परेशान बहुत है

ज़िन्दगी की कशमकश से परेशान बहुत है
दिल को न उलझाओ ये नादान बहुत है,

यूँ सामने आ जाने पर कतरा के गुज़रना
वादे से मुकर जाना उसे आसान बहुत है,

यादें भी है, तल्खी भी है, और है मुहब्बत
तू ने जो दिया दर्द का सामान बहुत है,

अश्क कभी, लहू कभी, आँख से बरसे
बेदाग़ मुहब्बत का ये अंज़ाम बहुत है,

तूने तो सुना होगा मेरे दिल का धड़कना
छू कर भी देख लेना ये बेज़ुबान बहुत है,

बहुत तड़प लिए अब तुमसे बिछड़ कर
पा जाएँ खोने वाले को अरमान बहुत है..!!

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