वो हर मक़ाम से पहले वो हर मक़ाम के बाद

वो हर मक़ाम से पहले वो हर मक़ाम के बाद
सहर थी शाम से पहले सहर है शाम के बाद,

हर इंक़िलाब मुबारक हर इंक़िलाब अज़ाब
शिकस्त ए जाम से पहले शिकस्त ए जाम के बाद,

मुझी पे इतनी तवज्जोह मुझी से इतना गुरेज़
मेंरे सलाम से पहले मेंरे सलाम के बाद,

चराग़ ए बज़्म ए सितम हैं हमारा हाल न पूछ
जले थे शाम से पहले बुझे हैं शाम के बाद,

ये रात कुछ भी नहीं थी ये रात सब कुछ है
तुलू ए जाम से पहले तुलू ए जाम के बाद,

वही ज़बाँ वही बातें मगर है कितना फ़र्क़
तुम्हारे नाम से पहले तुम्हारे नाम के बाद,

हयात गिर्या ए शबनम हयात रक़्स ए शरर
तेरे पयाम से पहले तेरे पयाम के बाद,

ये तर्ज़ ए फ़िक्र ये रंग ए सुख़न कहाँ क़ाबिल
तेरे कलाम से पहले तेरे कलाम के बाद..!!

~क़ाबिल अजमेरी

संबंधित अश'आर | गज़लें

Leave a Reply