उदास शामो का
तुम कुछ हिसाब रख लेना,
दिल ए हज़ीं में
मुहब्बत का बाब रख लेना,
न बैठना कभी
तन्हा उदास मौसम में,
नज़र के सामने तुम
दिल की क़िताब रख लेना..!!
उदास शामो का
तुम कुछ हिसाब रख लेना,
दिल ए हज़ीं में
मुहब्बत का बाब रख लेना,
न बैठना कभी
तन्हा उदास मौसम में,
नज़र के सामने तुम
दिल की क़िताब रख लेना..!!