तनाव में जब आ जाए तो धागे टूट जाते है
ज़रा सी बात पर पुराने रिश्ते टूट जाते है,
तुम्हे इस बात पर हैरत कि टूटा है हमारा दिल
मुक़ाबिल जब के हो पत्थर तो शीशे टूट जाते है,
गुज़रते वक़्त से चीजें पुरानी हो ही जाती है
दिलो में मैल पड़ती है तो जज़्बे टूट जाते है,
हज़ारों ख्वाहिशे तरतीब पाती है ख्यालो में
मगर जब आँख खुलती है तो सपने टूट जाते है,
उमड़ आते है झुर्रियो में हज़ारों दुःख ज़माने के
गुज़र के उम्र के हिस्से से चेहरे टूट जाते है,
ना जाने क्यों तुम्हारी याद आती है मुझे उस दम
मेरे आँगन में जब बेलो के पत्ते टूट जाते है,
दुखो में तो निकल आते है आँखों से हज़ार आँसू
ख़ुशी के मौसम में भी किनारे टूट जाते है..!!