तुम साथ चले थे तो मेरे साथ चला दिन
तुम साथ चले थे तो मेरे साथ चला दिन तुम राह से बिछड़े थे कि बस डूब गया …
तुम साथ चले थे तो मेरे साथ चला दिन तुम राह से बिछड़े थे कि बस डूब गया …
क़दम रखता है जब रास्तो पे यार आहिस्ता आहिस्ता तो छट जाता है सब गर्द ओ ग़ुबार आहिस्ता …
शब ए हिज्राँ की तवालत से घबरा गया हूँ मैं उसके अंदाज़ ए मुहब्बत से घबरा गया हूँ …
कुछ बात है कि आज ख्याल ए यार आया एक बार नहीं बल्कि बार बार आया, भूल चुका …
न जाने कैसा जादू कर गई है तेरी मुक़द्दस आँखे तेरे सिवा और किसी की तरफ़ अब देखा …
उदास एक मुझी को तो कर नही जाता वह मुझसे रुठ के अपने भी घर नही जाता, वह …
क्या सरोकार अब किसी से मुझे वास्ता था तो था बस तुझी से मुझे, बेहिसी का भी अब …
रखा न अब कहीं का दिल ए बेक़रार ने बर्बाद कर दिया ग़म ए बे इख़्तियार ने, दिल …
तमन्ना दो दिलों की एक ही मालूम होती है अब उनकी हर ख़ुशी अपनी ख़ुशी मालूम होती है, …
बाद मरने के मेरे किसी केलब पे तो मेरा नाम होगा मातम होगा कहीं, कहीं शहनाइयों का एहतिमाम …