हम शज़र से नहीं साये से वफ़ा करते है…

Bazme_Parinde

हम शज़र से नहीं साये से वफ़ा करते हैयही है वजह कि हम लोग दगा करते है, हम

कल यूँ ही तेरा तज़किरा निकला…

Bazme_thinking

कल यूँ ही तेरा तज़किरा निकलाफिर जो यादो का सिलसिला निकलालोग कब कब के आशना निकलेवक़्त कितना गुरेज़

मेरी हो के भी तुम मेरी नहीं….

Bazme_Lonely3

मेरी हो के भी तुम मेरी नहींगिला तो नहीं पर ये मलाल है, अगरचे मेरे पास तुम नहीं

दोस्तों को आँसूओ का तोहफ़ा मत देना

Bazme_cryingface

गर करो जहाँ में किसी से भी दोस्तीतो फिर ताउम्र उसको धोखा मत देना, खिला कर लबो पर

तुझे भूलने की दुआ करूँ

Bazme_Shikayat

तुझे इस क़दर है शिकायतेंकभी सुन ले मेरी हिकायते, तुझे गर न कोई मलाल होमैं भी एक तुझसे

ये इत्तेफ़ाक थोड़ी है

Love_Bazme2

मिल के तुमको छोड़ दे कोई मज़ाक थोड़ी है हम दोनों जो मिले हैये इत्तेफ़ाक थोड़ी है, मिल

बड़े बेमुरौत होते है ये हुस्न वाले

कही दिल लगाने की कोशिश न करना मुहब्बत की झूठी अदाओं पे साहबजवानी लुटाने की कोशिश न करना,

मोहब्बत क्या करेंगे वो जो जाँ देने से डरते हैं

Bazme_Love3

मुसाफ़िर भी सफ़र में इम्तिहाँ देने से डरते हैंमोहब्बत क्या करेंगे वो जो जाँ देने से डरते हैं

दो चार क़दम चलने को चलना नहीं कहते

Do chaar qadam chalne

मंज़िल पे न पहुँचे उसे रस्ता नहीं कहतेदो चार क़दम चलने को चलना नहीं कहते इक हम हैं

किसी चिड़ियाँ के बच्चे की

Bazme_Lonely3

मुझे गुमनाम रहने काकुछ ऐसा शौक है हमदमकिसी बेनाम सहरा मेंभटकती रूह हो जैसे, जहाँ साये तरसते होकिसी