अज़ब कर्ब में गुज़री, जहाँ जहाँ गुज़री
अज़ब कर्ब में गुज़री, जहाँ जहाँ गुज़री अगरचे चाहने वालों के दरम्याँ गुज़री, तमाम उम्र …
अज़ब कर्ब में गुज़री, जहाँ जहाँ गुज़री अगरचे चाहने वालों के दरम्याँ गुज़री, तमाम उम्र …
औरों की प्यास और है और उसकी प्यास और कहता है हर गिलास पे बस …
यहाँ किसे ख़बर है कि ये उम्र बस इसी पे गौर करने में कट रही …
कुछ चलेगा ज़नाब, कुछ भी नहीं चाय, कॉफ़ी, शराब, कुछ भी नहीं, चुप रहे तो …