ख़ाली हाथ ही जाना है क्या खोना क्या पाना है
ख़ाली हाथ ही जाना है क्या खोना क्या पाना है चाहे जितने नाते जोड़ें एक …
ख़ाली हाथ ही जाना है क्या खोना क्या पाना है चाहे जितने नाते जोड़ें एक …
अज़ाब ये भी किसी और पर नहीं आया कि एक उम्र चले और घर नहीं …
अज़ब कर्ब में गुज़री, जहाँ जहाँ गुज़री अगरचे चाहने वालों के दरम्याँ गुज़री, तमाम उम्र …
कुछ चलेगा ज़नाब, कुछ भी नहीं चाय, कॉफ़ी, शराब, कुछ भी नहीं, चुप रहे तो …