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इश्क़

जब से तेरा ख्याल रखा है

jab se taera khyal rakha hai

जब से तेरा ख्याल रखा है दिल ने मुश्किल में डाल रखा है, आप पर दिल ये आ …

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सुकुन के दिन फ़रागत की रात से भी गए

sukun ke din faragat ki raat se bhi gaye

सुकुन के दिन फ़रागत की रात से भी गए तुझे गँवा के हम भारी कायनात से भी गए, …

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इश्क़ से जाम से बरसात से डर लगता है

ishq se jaam se barsaat se dar lagta hai

इश्क़ से जाम से बरसात से डर लगता है यार तुम क्या हो कि हर बात से डर …

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वो दर्द वो वफ़ा वो मुहब्बत तमाम शुद

wo dard wo wafa

वो दर्द वो वफ़ा वो मुहब्बत तमाम शुद लिए दिल में तेरे क़ुर्ब की हसरत तमाम शुद, ये …

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जब भी तुम चाहों मुझे ज़ख्म नया देते रहो

jab bhi tum chaaho mujhe

जब भी तुम चाहों मुझे ज़ख्म नया देते रहो बाद में फिर मुझे सहने की दुआ देते रहो, …

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उसने कहा कि मुझसे तुम्हें कितना प्यार है ?

usne kaha ki mujhse kitna pyar hai

उसने कहा कि मुझसे तुम्हें कितना प्यार है ? मैंने कहा सितारों का भी कोई शुमार है, उसने …

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तुम सोज़ ए तमन्ना क्या जानों

tum soz e tamanna kya jaano

तुम सोज़ ए तमन्ना क्या जानों तुम दर्द ए मुहब्बत क्या समझों ? तुम दिल का तड़पना क्या …

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वो मेरे घर नहीं आता मैं उसके घर नहीं जाता

wo mere ghar nahi aata main uske ghar nahi

वो मेरे घर नहीं आता मैं उसके घर नहीं जाता मगर इन एहतियातों से ताअल्लुक़ मर नहीं जाता, …

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कैसे होता है मुमकिन ये गवारा करना

kaise hota hai mumkin ye ganvara karna

कैसे होता है मुमकिन ये गवारा करना दिल में बसे हुए लोगो से किनारा करना, कुछ मुहब्बत के …

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कभी यूँ भी आ मेरी आँख में…

kabhi yun bhi aa meri aankh

कभी यूँ भी आ मेरी आँख में कि मेरी नज़र को ख़बर न हो मुझे एक रात नवाज़ …

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तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

निगाह ए यार के

निगाह ए यार के बदलने में कुछ देर नहीं लगती

कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस

चल निकलती हैं ग़म

चल निकलती हैं ग़म ए यार से बातें क्या क्या

ऐसा है कि सब ख़्वाब

ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते

अब तक यही सुना

अब तक यही सुना था कि बाज़ार बिक गए

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तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने