तुम साथ चले थे तो मेरे साथ चला दिन

tum saath chale the to

तुम साथ चले थे तो मेरे साथ चला दिन तुम राह से बिछड़े थे कि बस डूब गया

क़दम रखता है जब रास्तो पे यार आहिस्ता आहिस्ता

qadam rakhta hai jab

क़दम रखता है जब रास्तो पे यार आहिस्ता आहिस्ता तो छट जाता है सब गर्द ओ ग़ुबार आहिस्ता

शब ए हिज्राँ की तवालत से घबरा गया हूँ मैं

shab e hizraan kee talawat se

शब ए हिज्राँ की तवालत से घबरा गया हूँ मैं उसके अंदाज़ ए मुहब्बत से घबरा गया हूँ

कुछ बात है कि आज ख्याल ए यार आया

kuch baat hai ki aaj khyal

कुछ बात है कि आज ख्याल ए यार आया एक बार नहीं बल्कि बार बार आया, भूल चुका

न जाने कैसा जादू कर गई है तेरी मुक़द्दस आँखे

na jaane kaisa jaadoo kar gai

न जाने कैसा जादू कर गई है तेरी मुक़द्दस आँखे तेरे सिवा और किसी की तरफ़ अब देखा

उदास एक मुझी को तो कर नही जाता

उदास एक मुझी को

उदास एक मुझी को तो कर नही जाता वह मुझसे रुठ के अपने भी घर नही जाता, वह

क्या सरोकार अब किसी से मुझे…

क्या सरोकार अब किसी

क्या सरोकार अब किसी से मुझे वास्ता था तो था बस तुझी से मुझे, बेहिसी का भी अब

रखा न अब कहीं का दिल ए बेक़रार ने

rakha na ab kahin ka dil e beqarar ne

रखा न अब कहीं का दिल ए बेक़रार ने बर्बाद कर दिया ग़म ए बे इख़्तियार ने, दिल

तमन्ना दो दिलों की एक ही मालूम होती है

तमन्ना दो दिलों की

तमन्ना दो दिलों की एक ही मालूम होती है अब उनकी हर ख़ुशी अपनी ख़ुशी मालूम होती है,

बाद मरने के मेरे किसी केलब पे तो मेरा नाम होगा

baad marne ke mere kisi ke

बाद मरने के मेरे किसी केलब पे तो मेरा नाम होगा मातम होगा कहीं, कहीं शहनाइयों का एहतिमाम