अहमद हमेश
तुम साथ चले थे तो मेरे साथ चला दिन
तुम साथ चले थे तो मेरे साथ चला दिन तुम राह से बिछड़े थे कि …
न घर है कोई, न सामान कुछ रहा बाक़ी
न घर है कोई, न सामान कुछ रहा बाक़ी नहीं है कोई भी दुनिया में …
किस तवक़्क़ो’ पे क्या उठा रखिए ?
किस तवक़्क़ो’ पे क्या उठा रखिए ? दिल सलामत नहीं तो क्या रखिए ? लिखिए …
किस को मालूम है क्या होगा नज़र से पहले
किस को मालूम है क्या होगा नज़र से पहले होगा कोई भी जहाँ ज़ात ए …