एक अजनबी ख़याल में ख़ुद से जुदा रहा

एक अजनबी ख्याल में

एक अजनबी ख़याल में ख़ुद से जुदा रहा एक अजनबी ख़याल में ख़ुद से जुदा रहा नींद आ

वो हँस के देखती होती तो उस से बात…

wo hans ke dekhti hoti to us se baat karte

वो हँस के देखती होती तो उस से बात करते कोई उम्मीद भी होती तो उससे बात करते,