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काम इस दिल की तबाही से लिया क्या जाए…

kaam is dil ki tabahi se kya liya jaaye

काम इस दिल की तबाही से लिया क्या जाए सोचता हूँ कि ख़राबे में किया क्या जाए ? …

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इश्क़ सहरा है कि दरियाँ कभी सोचा तुमने…

adhure khwabo ki anokhi

इश्क़ सहरा है कि दरियाँ कभी सोचा तुमने तुझसे क्या है मेरा नाता कभी सोचा तुमने ? हाँ …

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दोस्तों ! आज दिल में छुपे कुछ राज़ बयाँ करता हूँ…

dil me chupe kuch raaj bayan karta hoo

दोस्तों ! आज मैं दिल में छुपे कुछ राज़ बयाँ करता हूँ दुःख से जुड़े ग़ुरबत के दिनों …

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एक मंज़र यूं नजर आया कि मैं भी डर गया…

ek manzar yun nazar aaya ki main bhi dar gaya

  एक मंज़र यूं नजर आया कि मैं भी डर गया हाथ में रोटी थी जिसके वो भिखारी …

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वो मुहब्बत गई वो फ़साने गए…

wo muhabbat gayi wo fasane gaye

वो मुहब्बत गई वो फ़साने गए जो खज़ाने थे अपने खज़ाने गए, चाहतो का वो दिलकश ज़माना गया …

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दिल जब घबराये तो ख़ुद को एक क़िस्सा सुना देना…

dil jab ghabraye to khud ko ek qissa suna dena

दिल जब घबराये तो ख़ुद को एक क़िस्सा सुना देना ज़िन्दगी कितनी भी मुश्किल क्यूँ ना हो मुस्कुरा …

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तस्वीर का रुख एक नहीं दूसरा भी है…

tasvir ka rukh ek nahi dusra bhi hai

तस्वीर का रुख एक नहीं दूसरा भी है खैरात जो देता है वही लूटता भी है, ईमान को …

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यही कम नहीं है ज़िन्दगी के लिए…

yahi kam nahi hai zindagi ke liye

यही कम नहीं है ज़िन्दगी के लिए यहाँ चैन मिल जाए दो घड़ी के लिए, दिल ए ज़ार …

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आपसे किसने कहा स्वर्णिम शिखर बनकर दिखो…

aapse kisne kaha swrnim shikhar ban kar dikho

आपसे किसने कहा स्वर्णिम शिखर बनकर दिखो शौक दिखने का है तो फिर नींव के अंदर दिखो, चल …

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जब तलक लगती नहीं है बोलियाँ मेरे पिता…

jab talak lagti nahi hai boliyan mere pita

जब तलक लगती नहीं है बोलियाँ मेरे पिता तब तलक उठती नहीं है डोलिया मेरे पिता, आज भी …

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Yusuf na the magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

दिल की दुनिया में

दिल की दुनिया में दुनिया न आये कभी

लिबास तन से उतार

लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना

मुक़म्मल दो ही दानों

मुक़म्मल दो ही दानों पर ये तस्बीह ए मुहब्बत है

तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

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Yusuf na the magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे