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ये कब चाहा कि मैं मशहूर हो जाऊँ…

ye kab chaha ki main mashahoor ho jaaoon

ये कब चाहा कि मैं मशहूर हो जाऊँ बस अपने आप को मंज़ूर हो जाऊँ, नसीहत कर रही …

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शख्सियत ए लख्त ए ज़िगर कहला…

शख्सियत ए लख्त ए

शख्सियत ए लख्त ए ज़िगर कहला न सका ज़न्नत के धनी क़दमों को मैं सहला न सका, दूध …

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ग़मों का सैलाब आया ज़रूर है…

gamo ka sailab aya zarur hai

ग़मों का सैलाब आया ज़रूर है कुछ खोया तो कुछ पाया ज़रूर है, एक तुम हो जो दर्द …

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लिख लिख के आँसुओं से दीवान कर

लिख लिख के आँसुओं

लिख लिख के आँसुओं से दीवान कर लिया है अपने सुख़न को अपनी पहचान कर लिया है, आख़िर …

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जो नेकी कर के फिर दरिया में…

jo neqi kar ke fir dariya me usko daal jata hai

जो नेकी कर के फिर दरिया में उसको डाल जाता है वो जब भी दुनिया से जाता है …

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कुछ परिंदों को तो बस दो चार…

kuch parindo ko to bas do char daane chahiye

कुछ परिंदों को तो बस दो चार दाने चाहिए कुछ को लेकिन आसमानों के खज़ाने चाहिए, दोस्तों का …

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लेता हूँ उस का नाम भी आह ओ बुका…

लेता हूँ उस का

लेता हूँ उस का नाम भी आह ओ बुका के साथ कितना हसीन रिश्ता है मेरा ख़ुदा के …

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मेरे दिन की तरह रौशन मेरी हर…

मेरे दिन की तरह

मेरे दिन की तरह रौशन मेरी हर रात होती है दुआ माँ की हर एक मौसम में मेरे …

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आख़िर वो मेरे क़द की भी हद…

aakhir wo mere qad ki had se bhi guzar gaya

आख़िर वो मेरे क़द की भी हद से गुज़र गया कल शाम में तो अपने ही साये से …

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इस दिल में आह, आँखों में नाले है…

इस दिल में आह

इस दिल में आह, आँखों में नाले है हमें न सताओ हम तुम्हारे चाहने वाले है, मुहब्बत भरे …

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एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

दिल की दुनिया में

दिल की दुनिया में दुनिया न आये कभी

लिबास तन से उतार

लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना

मुक़म्मल दो ही दानों

मुक़म्मल दो ही दानों पर ये तस्बीह ए मुहब्बत है

तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

निगाह ए यार के

निगाह ए यार के बदलने में कुछ देर नहीं लगती

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एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है