स्वराज का झंडा भारत में गड़वा दिया गाँधी बाबा ने

swaraj ka jhanda bharat me gadwa diya gaandhi baba ne

स्वराज का झंडा भारत में गड़वा दिया गाँधी बाबा ने दिल क़ौम-ओ-वतन के दुश्मन का दहला दिया गाँधी

इक प्रेम पुजारी आया है चरनों में ध्यान लगाने को

ek prem pujaari aaya hai charano me dhyaan lagaane ko

इक प्रेम पुजारी आया है चरनों में ध्यान लगाने को भगवान तुम्हारी मूरत पर श्रधा के फूल चढ़ाने

राम के हिज्र में इक रोज़ भरत ने ये कहा

ram ke hizr me ek roz bharat ne ye kaha

राम के हिज्र में इक रोज़ भरत ने ये कहा क़ल्ब-ए-मुज़्तर को शब-ओ-रोज़ नहीं चैन ज़रा दिल में

घुट गया अँधेरे का आज दम अकेले में

ghut gaya andhere ka aaj dam akele me

घुट गया अँधेरे का आज दम अकेले में हर नज़र टहलती है रौशनी के मेले में आज ढूँढने

एक दो ही नहीं छब्बीस दिए

ek do hi nahi chhabbis diye

एक दो ही नहीं छब्बीस दिए एक इक कर के जलाए मैं ने एक दिया नाम का आज़ादी

मेरी साँसों को गीत और आत्मा को साज़ देती है

meri saanson ko geet aur aatma ko saaz deti hai

मेरी साँसों को गीत और आत्मा को साज़ देती है ये दीवाली है सब को जीने का अंदाज़

हर एक मकाँ में जला फिर दिया दिवाली का

har ek makaan me jala fir diya deewali ka

हर एक मकाँ में जला फिर दिया दिवाली का हर एक तरफ़ को उजाला हुआ दिवाली का, सभी

दोस्तो क्या क्या दिवाली में नशात ओ ऐश है

doston kya kya deewali me nashaat o aish hai

दोस्तो क्या क्या दिवाली में नशात ओ ऐश है सब मुहय्या है जो इस हंगाम के शायाँ है

कोई सिपाही नहीं बच सका निशानों से

koi sipahi nahi bach saka nishano se

कोई सिपाही नहीं बच सका निशानों से गली में तीर बरसते रहे मकानों से, ये बर्बादी अचानक से

तुम से पहले वो जो एक शख़्स यहाँ तख़्तनशीं था

tum se pahle wo jo ek shakhs yahan takhtnashin tha

तुम से पहले वो जो एक शख़्स यहाँ तख़्तनशीं था उस को भी अपने ख़ुदा होने पे इतना