अब जो लौटे हो इतने सालों में…
अब जो लौटे हो इतने सालों मेंधूप उतरी हुई है बालों में, तुम मिरी आँख …
अब जो लौटे हो इतने सालों मेंधूप उतरी हुई है बालों में, तुम मिरी आँख …
आँखों से मिरी इस लिए लाली नहीं जातीयादों से कोई रात जो ख़ाली नहीं जाती, …
बाँध ले हाथ पे सीने पे सजा ले तुमकोजी में आता है कि ताबीज़ बना …
तुम मेरी ख्वाहिश नहीं होख्वाहिश पूरी हो जाए तो तलब नहीं रहती, तुम मेरी आदत …
जो रहता है दिल के क़रीबअक्सर वही दूर हुआ करता है, जो नहीं हो मयस्सर …
संभाला होश है जबसेमुक़द्दर सख्त तर निकलाबड़ा है वास्ता जिससेवही ज़ेर ओ ज़बर निकला, सबक़ …
तुम्हे बहार की कलियाँ जवाँ पुकारती हैकहती मरहबा ! सब तितलियाँ पुकारती है, न बोसा …
होश में रह के बे हवास फिर रहे है आजतेरे नगर में हम उदास फिर …
कहे दुनियाँ उसे ऐसे ही बेकार न आयेक़िस्मत का मेरी बन के ख़रीदार न आये, …