समन्दर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं…
समन्दर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं तेरी आँखों को पढ़ता हूँ तो …
समन्दर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं तेरी आँखों को पढ़ता हूँ तो …
महफ़िल से मुझको उठाने के बाद क्या मिलेगा दिल दुखाने के बाद, आज तो देख …
यूँ बात बात पे कर के मुकालमा मुझसे वो खुल रहा है मुसलसल ज़रा ज़रा …
तेरे लिए सब छोड़ के भी तेरा न रहा मैं दुनियाँ भी गई इश्क़ में, …
इस मुहब्बत के करम से पहले ख़ुद को जीता था मैं तुमसे पहले, हसरत ओ …
तुझे क्या बताऊँ ऐ दिलरुबा तेरे सामने मेरा हाल है मुझे जुस्तुजू है फ़क़त तेरी …
ज़हे क़िस्मत अगर तुम को हमारा दिल पसंद आया मगर ये दाग़ क्यूँ कर ऐ …
ख़ुद को न ऐ बशर कभी क़िस्मत पे छोड़ तू दरिया की तेज धार को …
सुना कर हाल क़िस्मत आज़मा कर लौट आए हैं उन्हें कुछ और बेगाना बना कर …