ना मस्ज़िदे ना शिवाले तलाश करते है
ये भूखे पेट निवाले तलाश करते है,
हमारी सादा दिली देखो इस ज़माने में
दुखो को बाँटने वाले तलाश करते है,
मुझे तो इस पे ताअज्ज़ुब है अक्ल के अंधे
दीये बुझा के उजाले तलाश करते है,
किसी के काम न आये कभी ज़माने में
और अपने चाहने वाले तलाश करते है,
राह ए वफ़ा में अभी दो क़दम चले भी नहीं
अभी से पाँव के छाले तलाश करते है,
निगाह रखते है साक़ी वो तेरी आँखों पर
सुकूं ए दिल जो प्याले तलाश करते है..!!
~हनीफ राही