मेरी आँखों में तेरे प्यार का आँसू आए
कोई ख़ुशबू मैं लगाऊँ तेरी ख़ुशबू आए,
वक़्त ए रुख़्सत कहीं तारे कहीं जुगनू आए
हार पहनाने मुझे फूल से बाज़ू आए,
मैंने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थी
कोई आहट न हो दर पर मेंरे जब तू आए,
इन दिनों आप का आलम भी अजब आलम है
तीर खाया हुआ जैसे कोई आहू आए,
उस की बातें कि गुल ओ लाला पे शबनम बरसे
सब को अपनाने का उस शोख़ को जादू आए,
उसने छू कर मुझे पत्थर से फिर इंसान किया
मुद्दतों बाद मेंरी आँखों में आँसू आए..!!
~बशीर बद्र