लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना

लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना
फिर उसके जज़्बों को मार देना, अगर मुहब्बत यही है जाना ?
तो मआफ़ करना मुझे नहीं है,

गुनाह करने का सोच लेना, हसीन परियाँ दबोच लेना
फिर उसकी आँखें ही नोच लेना, अगर मुहब्बत यही है जाना ?
तो मआफ़ करना मुझे नहीं है,

किसी को लफ़्ज़ों के जाल देना, किसी को जज़्बों की ढाल देना
फिर उसकी इज्ज़त उछाल देना,अगर मुहब्बत यही है जाना ?
तो मआफ़ करना मुझे नहीं है..!!

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