किस ओर ये सफ़र है, संभल जाइए
कौन कब किस डगर है, संभल जाइए,
नेक रस्ते पे चलते हुए आज कल
हर आदमी दर ब बदर है, संभल जाइए,
चाहे कहिए सड़क इसको या एक नदी
इस कदर ये रह गुज़र है, संभल जाइए,
क्या गिनना ? दर्द कितने दिए आपने
ये कोई शराफ़त नहीं है, संभल जाइए,
जान सस्ती मगर चीजे महँगी यहाँ
बाक़ी सब बेअसर है, संभल जाइए…!!