कैसे होता है मुमकिन ये गवारा करना
दिल में बसे हुए लोगो से किनारा करना,
कुछ मुहब्बत के भी क़ानून हुआ करते हैं
किस को मंज़ूर है चाहत में ख़सारा करना,
ज़िन्दगी होती है मीरास मुहब्बत दिल की
यूँ नहीं होता है नफ़रत में गुज़ारा करना,
उसकी बख्शीश का भी इम्कान तो होता होगा
जिस किसी शख्स की आदत है कफारा करना,
जान हाज़िर है मुनव्वर जो तू क़ातिल समझे
जब ज़रूरत हो तो हल्का सा इशारा करना..!!