जो होने वाला है वो हादसा दिखाई तो दे
कोई चराग जलाओ हवा दिखाई तो दे,
तेरी गली से मैं उठ के चला तो जाऊँ
मगर तेरी गली से कोई रास्ता दिखाई तो दे,
मैं अपनी आँखों की बिनाई शौप दूँ उसको
किसी ग़रीब के घर में दीया दिखाई तो दे,
क़रीब आने की कोशिश मैं करूँ तो
लेकिन हमारे बीच कोई फ़ासला दिखाई तो दे,
~मेराज फ़ैज़ाबादी