इस नये साल पे ये सदा है ख़ुदा से
सलामत रहे वतन हर एक बला से,
न पलकों पे हों गम के कोई सितारे
न अधूरे रहें अब ख़्वाब कोई हमारें,
या इलाही मुहब्बत दिलों में जगा दे
अम्न ओ अमान का शज़र खिला दे,
या इलाही रहमतों की हर सू झड़ी हो
राह ए ज़िन्दगी की न कोई कड़ी हो,
रहें सब रंज ओ गम सदा अब परे ही
अदु के सब अज़ायेम रह जाएँ धरे ही,
नवाब उरूज़ पे हो नया साल अपना
सारे जहाँ में रहे राज हर हाल अपना..!!
~नवाब ए हिन्द