फूल,खुशबू, कली की बात करें
प्यार की, आशिकी की बात करें
मौत का खौफ़ भूल कर यारो
क्यूँ न हम ज़िन्दगी की बात करें
दुश्मनी से हुआ न कुछ हासिल
अब चलो दोस्ती की बात करें
ज़िन्दगी इसको तो नही कहते
हर समय बेबसी की बात करें
मंजिलें किस तरह मिलें यारो
रात-दिन हम उसी की बात करें
चाहते हो सुकूँ मिले गर तो
ग़ुम हुई उस ख़ुशी की बात करें
चाहता है सुखनवर यही या रब
सब मेरी शायरी की बात करें..!!