दुनिया में यूँ भी हमने गुज़ारी है ज़िन्दगी
अपनी कहाँ है जैसे उधारी है ज़िन्दगी,
आवाज़ मुझको ना दे ऐ गुज़रे वक़्त सुन
मुश्किल से हमने अपनी सवारी है ज़िन्दगी,
कोई ख़ुशी भी पहलू में ई नहीं कभी
मेरी नज़र में अब भी कुँवारी है ज़िन्दगी,
सोचो तो जी रहे है तुम्हारे ही वास्ते
जब चाहो माँग लेना तुम्हारी है ज़िन्दगी,
हर एक तन्हा छोड़ के कहता है अलविदा
कितनी ये बदनसीब, बेचारी है ज़िन्दगी,
कैसा ये बोझ दिल पे तेरे है ज़रा बता
ऐ यार आज इतनी क्यूँ भारी है ज़िन्दगी..??