दिल में मेरे अरमान बहुत हैं
इस घर में मेहमान बहुत हैं,
आप ज़माने को क्या जानें
आप अभी नादान बहुत हैं,
ऐसे ही हँस कर दिल रख लो
वैसे तो अरमान बहुत हैं,
है तो उन का नाम लबों पर
इतने भी औसान बहुत हैं,
ग़ौर करोगे तो काँटों के
गुलशन पर एहसान बहुत हैं..!!
~रईस रामपुरी
ख़ुद अपनी ज़िल्लत ओ ख़्वारी न करना
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