दरिन्दे खून बहने का इंतज़ार करेंगे
भरे पेट वाले अब भूखो पे वार करेंगे,
वतन में क़त्ल ए आम की तैयारी है
कुछ लोग नफ़रत का कारोबार करेंगे,
जो हमेशा से वतन ही जलाते आए है
वही अब फिर शहर को रेगज़ार करेंगे,
पहले वतन की ज़मीं को ज़ख्मी करेंगे
और फिर आसमां को तार तार करेंगे,
मगर हम तो इनसे न कभी बात करेंगे
और न कभी अब इनका ऐतबार करेंगे..!!
~दर्पन कानपुरी