दर्द से यादो से अश्को से शनासाई है…

दर्द से यादो से अश्को से शनासाई है
कितना आबाद मेरा गोशा ए तन्हाई है,

ख़ार तो ख़ार है कुछ गुल भी खफ़ा है मुझसे
मैंने काँटो से उलझने की सज़ा पाई है,

मेरे पीछे तो है हर आन ये खल्क़त का हुजूम
अब ख़ुदा जाने ये इज्ज़त है कि रुसवाई है,

ख़ुदा जाने उनका दीदार कैसा क़यामत होगा
जब फ़क़त उनके तस्वीर में ये रअनाई है..!!

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