चुनाव से पहले मशरूफ़ होते है सारे ही उम्मीदवार…

चुनाव से पहले मशरूफ़ होते है सारे ही उम्मीदवार
दिन रात मीटिंगे होती है इन सबके प्यादे और लोटो की,

फिर वोट पड़ने के बाद चुनाव खत्म होता है जैसे ही
तो फिर पहली गिनती शुरू होती है पड़े हुए वोटो की,

अगर जनता का फ़ैसला न क़ुबूल हो इनमे किसी को
तो फिर दूसरी गिनती शुरू होती है कड़क कड़क नोटों की,

बाद इसके भी सरकारी नतीज़ा न माने जब कोई
तो तीसरी गिनती यहाँ शुरू होती है लट्ठ और सोटो की,

सब लाठी और डंडे ले कर आ जाते है मैदान ए जंग में
फिर तो सामत सी आ ही जाती है यहाँ हर छोटो मोटो की,

जब मार काट से फ़ारिग होते है इन सबके चाहने वाले
तो फिर चौथी गिनती शुरू होती है ज़ख्मो और चोटों की,

इनके इस घमासान में कोई शरीफ़ जादा क्या करे ?
बेचारा कैसे पहचान करे वो इन लोगो में खरे और खोटो की,

गर यही सिलसिला चलता रहा आइन्दा नस्लों तक यारों
तो राह ए ज़म्हुरियत आसाँ नहीं हमारे पोतो और परपोतो की..!!

Leave a Reply

Eid Special Dresses for women