बादशाहों को सिखाया है क़लंदर होना

baadshahon ko sikhaya hai kalandar hona

बादशाहों को सिखाया है क़लंदर होना आप आसान समझते हैं मुनव्वर होना, एक आँसू भी हुकूमत के लिए

सौ में सत्तर आदमी फ़िलहाल जब नाशाद हैं

sau men sattar aadmi filhal jab

सौ में सत्तर आदमी फ़िलहाल जब नाशाद हैं दिल रखकर हाथ कहिए देश क्या आज़ाद है ? कोठियों

ख़ुद्दार मेरे शहर का फाक़ो से मर गया

khuddar mere shahar ka faaqon se mar gaya

ख़ुद्दार मेरे शहर का फाक़ो से मर गया राशन जो आ रहा था वो अफ़सर के घर गया,

बहुत ख़राब रहा इस दौर मे

bahut kharab raha is daur men

बहुत ख़राब रहा इस दौर मे एक क़ौम का अच्छा होना, रास ना आया मनहूसों को क़ौम का

किसी झूठीं वफ़ा से दिल को बहलाना नहीं आता

kisi jhuthin wafa se dil ko

किसी झूठीं वफ़ा से दिल को बहलाना नहीं आता मुझे घर काग़ज़ी फूलों से महकाना नहीं आता, मैं

दुनियाँ ए अक़ीदत में अजब रस्म चली है

duniya e akidat me azab rasm

दुनियाँ ए अक़ीदत में अजब रस्म चली है जो दश्त में मजनूँ था वो मरकज़ मे वली है,

ग़म ए जहाँ को शर्मसार करने वाले क्या हुए

gam e jahan ko sharmsaar

ग़म ए जहाँ को शर्मसार करने वाले क्या हुए वो सारी उम्र इंतिज़ार करने वाले क्या हुए ?

सरहदों पर है अपने जवानों का गम

sarhadon par hai apne

सरहदों पर है अपने जवानों का गम और बस्ती में जलते मकानों का गम, फिर से ये गंदी

उनसे मिलिए जो यहाँ फेर बदल वाले है

unse miliye yahan jo fer badal wale hai

उनसे मिलिए जो यहाँ फेर बदल वाले है हमसे मत बोलिए हम लोग गज़ल वाले है, कैसे शफ़्फ़ाफ

आरज़ी ताक़तें तुम्हारी है पर ख़ुदा हमारा है

aarzi taaqte tumhari hai

आरज़ी ताक़तें तुम्हारी है पर ख़ुदा हमारा है अपने अक्स पर न इतराओ आईना हमारा है, तेरी रज़ा