पढ़ती रहती हूँ मैं सारी चिट्ठियाँ…

padhti rahti hoon main

पढ़ती रहती हूँ मैं सारी चिट्ठियांरात है और है तुम्हारी चिट्ठियां, आओ तो पढ़ कर सुनाऊँगी तुम्हेंलिख रखी

ऐ मेरी क़ौम के लोगो ज़रा होशियार हो जाओ

Bazmeshayari_512X512

ऐ मेरी क़ौम के लोगो ज़रा होशियार हो जाओउठो अब नींद से जागो के अब बेदार हो जाओ,

कोई अज़्म ओ इरादा नहीं चाहिए..

Bazmeshayari_512X512

कोई अज़्म-ओ-इरादा, नहीं चाहिएआपसे कोई वादा, नहीं चाहिए, आपकी रुह में, इश्क़ बनकर रहूँइससे कुछ भी ज़ियादा, नहीं