ये एक बात समझने में रात हो गई है
ये एक बात समझने में रात हो गई है मैं उससे जीत गया हूँ कि मात हो गई …
ये एक बात समझने में रात हो गई है मैं उससे जीत गया हूँ कि मात हो गई …
यहाँ किसे ख़बर है कि ये उम्र बस इसी पे गौर करने में कट रही है, कि ये …
वो जो दिख रहा है सच हो ये ज़रूरी तो नहीं है वो जो तुम कहते हो हक़ …
संगदिल कहाँ किसी का गमगुसार करते है ये मुर्दा ज़मीर कब मज़लूमो से प्यार करते है, ना फ़िक्र …
जो पूछती हो तो सुनो ! कैसे बसर होती है रात खैरात की, सदके की सहर होती है, …
ये न पूछो कि कैसा ये हिन्दुस्तान होना चाहिए खत्म पहले मज़हब का घमासान होना चाहिए, इन्सान को …
आँख में पानी रखो होंठों पे चिंगारी रखो ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो, राह के …
ये आसमां ज़रूरी है तो ज़मीं भी ज़रूरी है ज़िन्दगी के वास्ते कुछ कमी भी ज़रूरी है, हर …
न नींद और न ख़्वाब से आँख भरनी है कि तुझे देख कर हसरत पूरी करनी है, किसी …
अज़ीब ख़्वाब था उसके बदन पे काई थी वो एक परी जो मुझे सब्ज़ करने आई थी, वो …