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Miscellaneous

हाल में अपने मगन हो फ़िक्र ए आइंदा न हो

हाल में अपने मगन

हाल में अपने मगन हो फ़िक्र ए आइंदा न हो ये उसी इंसान से मुमकिन है जो ज़िंदा …

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कभी अपने इश्क़ पे तब्सिरे कभी तज़्किरे रुख़ ए यार के

कभी अपने इश्क़ पे

कभी अपने इश्क़ पे तब्सिरे कभी तज़्किरे रुख़ ए यार के यूँही बीत जाएँगे ये भी दिन जो …

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ऐ जुनूँ कुछ तो खुले आख़िर मैं किस मंज़िल में हूँ

ऐ जुनूँ कुछ तो

ऐ जुनूँ कुछ तो खुले आख़िर मैं किस मंज़िल में हूँ हूँ जवार ए यार मैं या कूचा …

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और कोई दम की मेहमाँ है गुज़र जाएगी रात

और कोई दम की

और कोई दम की मेहमाँ है गुज़र जाएगी रात ढलते ढलते आप अपनी मौत मर जाएगी रात, ज़िंदगी …

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तो क्या ये तय है कि अब उम्र भर नहीं मिलना

तो क्या ये तय

तो क्या ये तय है कि अब उम्र भर नहीं मिलना तो फिर ये उम्र भी क्यों तुम …

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बता ऐ अब्र मुसावात क्यूँ नहीं करता

बता ऐ अब्र मुसावात

बता ऐ अब्र मुसावात क्यूँ नहीं करता हमारे गाँव में बरसात क्यूँ नहीं करता ? महाज़ ए इश्क़ …

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बिछड़ कर उसका दिल लग भी गया तो क्या लगेगा

बिछड़ कर उसका दिल

बिछड़ कर उसका दिल लग भी गया तो क्या लगेगा वो थक जाएगा और मेरे गले से आ …

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पराई आग पे रोटी नहीं बनाऊँगा

पराई आग पे रोटी

पराई आग पे रोटी नहीं बनाऊँगा मैं भीग जाऊँगा छतरी नहीं बनाऊँगा, अगर ख़ुदा ने बनाने का इख़्तियार …

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देखो अभी लहू की एक धार चल रही है

देखो अभी लहू की

देखो अभी लहू की एक धार चल रही है बाज़ू कटे हैं फिर भी तलवार चल रही है, …

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बदन और रूह में झगड़ा पड़ा है

बदन और रूह में

बदन और रूह में झगड़ा पड़ा है कि हिस्सा इश्क़ में किस का बड़ा है ? हुजूम ए …

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कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस

चल निकलती हैं ग़म

चल निकलती हैं ग़म ए यार से बातें क्या क्या

ऐसा है कि सब ख़्वाब

ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते

अब तक यही सुना

अब तक यही सुना था कि बाज़ार बिक गए

जैसा नज़र का शौक़

जैसा नज़र का शौक़ था वैसा न कर सका

ये ज़माने की वफ़ाएं

ये ज़माने की वफ़ाएं मेरे काम की नहीं

असर उस को ज़रा

असर उस को ज़रा नहीं होता

वो जो हम में

वो जो हम में तुम में क़रार था…

रह वफ़ा में

रह वफ़ा में कोई साहिब ए जुनूँ न मिला

हाल में अपने मगन

हाल में अपने मगन हो फ़िक्र ए आइंदा न हो

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कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस