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Miscellaneous

वो दिल की झील में उतरा था एक साअ’त को…

wo dil ki jheel me utra tha ek

वो दिल की झील में उतरा था एक साअ’त को ये उम्र हो गई है सहते इस मलामत …

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ग़ैरत ए इश्क़ सलामत थी अना ज़िंदा थी…

gairat e ishq slamat thi ana zinda thi

ग़ैरत ए इश्क़ सलामत थी अना ज़िंदा थी वो भी दिन थे कि रह ओ रस्म ए वफ़ा …

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उसे हम पा ही लेते बस ज़रा सा और चलते तो…

use ham paa hi lete bas zara saa aur chalte to

उसे हम पा ही लेते बस ज़रा सा और चलते तो सफ़र आसान था लेकिन ज़रा रस्ते संभलते …

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तिनका तिनका काँटे तोड़े सारी रात कटाई की…

tinka tinka kaante tode saari raat karai ki

तिनका तिनका काँटे तोड़े सारी रात कटाई की क्यूँ इतनी लम्बी होती है चाँदनी रात जुदाई की ? …

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सहमा सहमा डरा सा रहता है…

sahma sahma dara saa rahta hai

सहमा सहमा डरा सा रहता है जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है, काई सी जम गई है …

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शाम से आज साँस भारी है…

shaam se aaj saans bhari hai

शाम से आज साँस भारी है बे क़रारी सी बे क़रारी है, आपके बाद हर घड़ी हमने आपके …

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ज़हर के घूँट भी हँस हँस के पीये जाते है…

zahar ke ghoont bhi hans hans ke piye jate hai

ज़हर के घूँट भी हँस हँस के पीये जाते है हम बहरहाल सलीक़े से जीये जाते है, एक …

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किसी के वायदे पे क्यों ऐतबार हमने किया ?

kisi ke wayde pe kyo aetbar hamne kiya

किसी के वायदे पे क्यों ऐतबार हमने किया ? न आने वालो का क्यों इंतज़ार हमने किया ? …

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रोग ऐसे भी गम ए यार से लग जाते है…

rog aise bhi gam e yaar se lag jate hai

रोग ऐसे भी गम ए यार से लग जाते है दर से उठते है तो दीवार से लग …

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दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के…

wo ja raha hai koi shab e gam guzar ke

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के वो जा रहा है कोई शब ए ग़म गुज़ार के, वीराँ …

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सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

निगाह ए यार के

निगाह ए यार के बदलने में कुछ देर नहीं लगती

कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस

चल निकलती हैं ग़म

चल निकलती हैं ग़म ए यार से बातें क्या क्या

ऐसा है कि सब ख़्वाब

ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते

अब तक यही सुना

अब तक यही सुना था कि बाज़ार बिक गए

जैसा नज़र का शौक़

जैसा नज़र का शौक़ था वैसा न कर सका

ये ज़माने की वफ़ाएं

ये ज़माने की वफ़ाएं मेरे काम की नहीं

असर उस को ज़रा

असर उस को ज़रा नहीं होता

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सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

निगाह ए यार के

निगाह ए यार के बदलने में कुछ देर नहीं लगती