वो दिल की झील में उतरा था एक साअ’त को…
वो दिल की झील में उतरा था एक साअ’त को ये उम्र हो गई है सहते इस मलामत …
वो दिल की झील में उतरा था एक साअ’त को ये उम्र हो गई है सहते इस मलामत …
ग़ैरत ए इश्क़ सलामत थी अना ज़िंदा थी वो भी दिन थे कि रह ओ रस्म ए वफ़ा …
उसे हम पा ही लेते बस ज़रा सा और चलते तो सफ़र आसान था लेकिन ज़रा रस्ते संभलते …
तिनका तिनका काँटे तोड़े सारी रात कटाई की क्यूँ इतनी लम्बी होती है चाँदनी रात जुदाई की ? …
सहमा सहमा डरा सा रहता है जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है, काई सी जम गई है …
शाम से आज साँस भारी है बे क़रारी सी बे क़रारी है, आपके बाद हर घड़ी हमने आपके …
ज़हर के घूँट भी हँस हँस के पीये जाते है हम बहरहाल सलीक़े से जीये जाते है, एक …
किसी के वायदे पे क्यों ऐतबार हमने किया ? न आने वालो का क्यों इंतज़ार हमने किया ? …
रोग ऐसे भी गम ए यार से लग जाते है दर से उठते है तो दीवार से लग …
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के वो जा रहा है कोई शब ए ग़म गुज़ार के, वीराँ …