जान मेरी जान कोई और है बात मेरी मान कोई और है…
जान मेरी जान कोई और है बात मेरी मान कोई और है, हो गया हूँ मैं किसी का
Love Poetry
जान मेरी जान कोई और है बात मेरी मान कोई और है, हो गया हूँ मैं किसी का
सुना है इस मुहब्बत में बहुत नुक़सान होता है, महकता झूमता जीवन गमो के नाम होता है, सुना
वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है किसी और को वो दिया नहीं, वो जो रिश्ता तुझसे है
तेरी आँखों के दरीचे से गुज़ारे जाते तो मेरे ख़्वाब यूँ बे मौत न मारे जाते, एक रिवायत
क़यामत है कि सुन लैला का दश्त-ए-क़ैस में आना तअ’ज्जुब से वो बोला यूँ भी होता है ज़माने
चलो सागर ए इश्क़ का किनारा ढूँढे डूबने वालो के लिए सहारा ढूँढे, यूँ भी ज़माने में गम
कभी लफ्ज़ भूल जाऊँ कभी बात भूल जाऊँ तुझे इस क़दर चाहूँ कि अपनी ज़ात भूल जाऊँ उठ
जो तेरे प्यार के दरियाँ कशीद हो जाएँ मेरी हयात के मंज़र ज़दीद हो जाएँ, तुम्हारी चश्म ए
हम जो बे हाल ए ज़ार बैठे है दिल की दिल में हार बैठे है, तेरी महफ़िल से
सब के होते हुए लगता है कि घर ख़ाली है ये तकल्लुफ़ है कि जज़्बात की पामाली है,