मोड़ था कैसा तुझे था खोने वाला मैं
मोड़ था कैसा तुझे था खोने वाला मैं रो ही पड़ा हूँ कभी न रोने …
मोड़ था कैसा तुझे था खोने वाला मैं रो ही पड़ा हूँ कभी न रोने …
फूल का शाख़ पे आना भी बुरा लगता है तू नहीं है तो ज़माना भी …
मुझपे हैं सैकड़ों इल्ज़ाम मेंरे साथ न चल तू भी हो जाएगा बदनाम मेंरे साथ …
परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है ज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है, …
ये जो नंग थे ये जो नाम थे मुझे खा गए ये ख़याल ए पुख़्ता …
दिल ए नादान की बात थी और कुछ नहीं मुहब्बत स्याह रात थी और कुछ …
हक़ मेहर कितना होगा बताया नहीं गया शहज़ादियों को बाम पे लाया नहीं गया, कमज़ोर …
मुस्कुरा कर चलो खिलखिला कर चलो दिल किसी का मगर ना दुखा कर चलो, जिसकी …
फ़ना के तीर हवा के परों में रखे हैं कि हम घरों की जगह मक़बरों …
मगरूर परिंदों को ये ऐलान गया है सय्याद नशेमन का पता जान गया है, यानि …