Skip to content
Bazm e Shayari :: Hindi / Urdu Poetry, Gazals, Shayari
  • Home
  • About us
  • Contact us
  • Loading...
  • Articles
  • Poetry Category
    • Rain Poetry
    • Dua Poetry
    • Forgiveness
    • Funny
    • Friendship
    • Islamic
    • Love
    • Religious
  • Famous poets
    • Allama Iqbal
    • Ahmad Faraz
    • Bashir Badr
    • Faiz Ahmad Faiz
    • Firaq Gorakhpuri
    • Guljar
    • Javed Akhtar
    • Majrooh Sultanpuri
    • Mirza Galib
    • Rahat Indori
    • Sahil Ludhiyanvi
    • Wasim Barelvi
    • Parvin Shakir
    • Nida Fazli
    • Ada Jafri
  • Miscellaneous
    • Life
    • General
    • New Year
    • Patriotic
    • Political
    • Sad
    • Sufi
  • Motivational
  • Occassional

Gazals

इन्सान हूँ इंसानियत की तलब है

इन्सान हूँ इंसानियत की

इन्सान हूँ इंसानियत की तलब हैकिसी खुदाई का तलबगार नहीं हूँ, ख़ुमारी ए दौलत ना शोहरत का नशाअबतक …

Read More

अपनी खताओ पे शर्मिन्दा भी हो जाता हूँ

अपनी खताओ पे शर्मिन्दा

अपनी खताओ पे शर्मिन्दा भी हो जाता हूँमुझे तुम्हारी तरह बहाने बनाना नहीं आता, गर हूँ ख़तावार तो …

Read More

पहले मगफिरत की दुआ कीजिए

Bazmeshayari_512X512

चाहते है इज्ज़त ओ मुक़ाम ए बलंदी तोसर को खालिक़ के आगे झुका लीजिए, गर है ख्वाहिश पाने …

Read More

फूँक मार कर बुझाने में लगे है

Bazmeshayari_512X512

कइयो ने कोशिश कर लीकई और मिटाने में लगे है, सदियों से ज़ालिम ज़माने वालेनारियो को गिराने में …

Read More

इल्ज़ाम फक़त ख्यालात पे क्यों आता है??

Bazmeshayari_512X512

हसरत ए दीद ओ वस्ल लिए ख्याल मेरातेरे हुस्न ए ख्वाबीदा से जब टकराता है, ख्वाहिश ए जानाँ …

Read More

आते ही चुनाव तुमको हमारा ख्याल आता है

Bazmeshayari_512X512

वाह ! रे सियासत ए हिंदुस्तानतुझे दाँव पेच का खेल क्या कमाल आता है, यूँ तो रहा करते …

Read More

ख़ुदा की नज़र में एक सा हर बशर होता है

Bazmeshayari_512X512

मुफ़्लिस हो कि रईसए शहरकोईख़ुदा की नज़र में एक सा हर बशर होता है, इबादत हो के प्रार्थना …

Read More

परिंदा समझ कर शिकार कर गई

Bazmeshayari_512X512

वो माहिर थी फन ए अय्यारी मेंअपने इश्क़ में मुझे बीमार कर गई, अनाड़ी सी शख्सियत थी अपनीवो …

Read More

बहाना गरीबो को अधिकार दिलाना रहेगा

Bazmeshayari_512X512

मौसम ए सर्दी में बारिश ए ख़ास चल रहा है हमारी गलियों में मेढको का आना जाना रहेगा, …

Read More

अमीर ए मुल्क के नसीब है उरूज़ पे

अमीर ए मुल्क के

अमीर ए मुल्क के नसीब है उरूज़ पे हम गरीबो के हिस्से ज़वाल आ रहे है, मुल्क में …

Read More

Newer posts
← Previous Page1 … Page146 Page147

Recent Post

तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

निगाह ए यार के

निगाह ए यार के बदलने में कुछ देर नहीं लगती

कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस

चल निकलती हैं ग़म

चल निकलती हैं ग़म ए यार से बातें क्या क्या

ऐसा है कि सब ख़्वाब

ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते

अब तक यही सुना

अब तक यही सुना था कि बाज़ार बिक गए

Popular Categories

  • Dua Poetry
  • Forgiveness Poetry
  • Funny Poetry
  • Friendship Poetry
  • Religious Poetry
  • Life Poetry
  • New Year Poetry
  • Love Poetry
  • Patriotic Poetry
  • Political Poetry
  • Sad Poetry
  • Sufi Poetry

Footer

  • Privacy policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
  • Sitemap
Copyright © Bazm e Shayari 2025 All Rights Reserved.

नवीनतम प्रकाशित अश'आर / ग़ज़ल

तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने