पहले मगफिरत की दुआ कीजिए

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चाहते है इज्ज़त ओ मुक़ाम ए बलंदी तोसर को खालिक़ के आगे झुका लीजिए, गर है ख्वाहिश पाने

फूँक मार कर बुझाने में लगे है

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कइयो ने कोशिश कर लीकई और मिटाने में लगे है, सदियों से ज़ालिम ज़माने वालेनारियो को गिराने में

इल्ज़ाम फक़त ख्यालात पे क्यों आता है??

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हसरत ए दीद ओ वस्ल लिए ख्याल मेरातेरे हुस्न ए ख्वाबीदा से जब टकराता है, ख्वाहिश ए जानाँ

आते ही चुनाव तुमको हमारा ख्याल आता है

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वाह ! रे सियासत ए हिंदुस्तानतुझे दाँव पेच का खेल क्या कमाल आता है, यूँ तो रहा करते

ख़ुदा की नज़र में एक सा हर बशर होता है

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मुफ़्लिस हो कि रईसए शहरकोईख़ुदा की नज़र में एक सा हर बशर होता है, इबादत हो के प्रार्थना

परिंदा समझ कर शिकार कर गई

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वो माहिर थी फन ए अय्यारी मेंअपने इश्क़ में मुझे बीमार कर गई, अनाड़ी सी शख्सियत थी अपनीवो

बहाना गरीबो को अधिकार दिलाना रहेगा

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मौसम ए सर्दी में बारिश ए ख़ास चल रहा है हमारी गलियों में मेढको का आना जाना रहेगा,

अमीर ए मुल्क के नसीब है उरूज़ पे

अमीर ए मुल्क के

अमीर ए मुल्क के नसीब है उरूज़ पे हम गरीबो के हिस्से ज़वाल आ रहे है, मुल्क में