अब दावत पे भी बारात पे भी टैक्स लगेगा
अब शादी की रसुमात पे भी टैक्स लगेगा,
अब यार की मुलाक़ात पे भी टैक्स लगेगा
अब इज़हार की हर बात पे भी टैक्स लगेगा,
अहसान ज़रा सोच के तुम करना किसी पे
अब बे लौस इनायात पे भी टैक्स लगेगा,
अब अपने असासे कभी ज़ाहिर नहीं करना
अब इन तोहफ़े मराआत पे भी टैक्स लगेगा,
मस्ज़िद का तक़द्दुस भी नहीं अब रहेगा वो
अब सभी फर्ज़ इबादात पे भी टैक्स लगेगा,
बातें करेगा गैर मुनासिब जो भी यहाँ पर
उसकी हर एक सवालात पे भी टैक्स लगेगा,
अब इश्क़ मुहब्बत पे भी पाबन्दी है यहाँ पर
अब नज़रों की हर हरकात पे भी टैक्स लगेगा,
तरकारी, फवाकह पे घी गोश्त और आटा पे
अब घर के सभी समानात पे भी टैक्स लगेगा,
कोई भी बुरा सोचे न ज़ालिम हुक्काम के बारे में
वरना अब हर हक़ ख्यालात पे भी टैक्स लगेगा..!!