आदमी आदमी से मिलता है दिल मगर कम किसी से मिलता है…

आदमी आदमी से मिलता है
दिल मगर कम किसी से मिलता है,

भूल जाता हूँ मैं सितम उस के
वो कुछ इस सादगी से मिलता है,

आज क्या बात है के फूलों का
रंग तेरी हँसी से मिलता है,

मिल के भी जो कभी नहीं मिलता
टूट कर दिल उसी से मिलता है,

कार ओ बार ए जहाँ सँवरते हैं
होश जब बेख़ुदी से मिलता है..!!

Leave a Reply

error: Content is protected !!