ख़राब लोगो से भी रस्म ओ राह रखते थे…

ख़राब लोगो से भी रस्म ओ राह रखते थे
पुराने लोग गज़ब की निगाह रखते थे,

ये और बात कि करते थे गुनाह मगर
गुनाहगारो से मिलने की चाह रखते थे,

वो बादशाह भी साँसों की जंग हार गए
जो अपने गिर्द हमेशा सिपाह रखते थे,

हमारे शेरो पे होती थी वाह वाह बहुत
हम अपने सीने में जब दर्द ओ आह रखते थे,

बरहना सर है मगर एक वक़्त वो भी था
हम अपने सर पे भी ज़रीं कुलाह रखते थे..!!

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